Aug 22, 2017

शहीदों के नाम पर शिवाय से कमाई

वर्तमान समय में जो भी कलाकार धर्म या लोगो के पूजनीय ईश्वर पर आधारित कोई फिल्म बनाते य उसमे अपनी किरदार की भूमिका निभाते है तो उसको विशेष सम्मान का दर्जा प्राप्त हो जाता है ! ये स्वाभाविक भी है क्योंकि समाज में इसे श्रेष्ठ कर्मो का दर्जा प्राप्त है ! आज-कल में भी यही हो रहा है ! यूँ तो धर्म के नाम पर आडम्बर ,व्यापार तो होता ही था पर आज धर्म के नाम पर कैसे कमाया जा सकता है ये आज कल के फिल्मो से जरुर देखा जा सकता है ! P.K, Oh My God, जैसे संवदेनशील फिल्मो को बनाकर अच्छी trp बंटोरी जाती है जिससे कमाई हो सके और हाल ही में बाहुबली नाम की प्रसिद्ध फिल्म में जब शिवलिंग को उठाया गया था तो लोगो ने इसे धार्मिक फिल्म के होने का दर्जा दे दिया और इस तरह के मेसेज से सोशल नेटवर्किंग साईट पे फैलाये गये कि हिंदुत्व पर आधारित ये फिल्म जरुर देखे ! हालाँकि इस तरह के मेसेज डायरेक्टर य कलाकार की तरफ से नही बनते थे बल्कि ये लोगो के दिमाग की उपज थी और उन्होंने इसे धार्मिक होने का सर्टिफिकेट दे दिया ! वही हाल बहुचर्चित फिल्म शिवाय के साथ हो रहा है ! शिवाय नाम हिन्दू धर्म में काफी पवित्र माना गया है जो कि हमारे देवो के देव महादेव की स्तुति के मन्त्र ॐ नमः शिवाय से लिया गया है ! और इस फिल्म को ज्यादा लोग देखे इसके लिए इसके कलाकार और लोग मेसेज शेयर कर रहे है कि इसके पहले दिन के शो की कमाई उड़ी हमले में शहीदों को दिया जायेगा ! बहुत ही अच्छा तरीका है फिल्म के प्रमोशन करवाने का पर ये भूल गये है कि लोग जागरूक हो गये है और दर्शको को फिल्म दिखवाने के लिए ऐसे ओछी हरकत करने की जरूरत नही ! क्या हर बार शहीद के परिवार को ये कमाई का हिस्सा देंगे ? तो फिर क्यों इस तरह के शर्तो से दर्शको की संवेदनाओ के साथ खेल रहे है ये ?? इनके अनुसार ये इस बात को कहना चाह रहे है कि आप हमारे फिल्म शिवाय को देखिये और उसके बाद जो कमाई होगी उसे शहीद के परिवार को दिया जायेगा ! सवाल ये है कि जब आपको शहीद के परिवार की पैसे से मदद करनी ही थी तो ये फिल्म के रिलीज़ होने से पहले क्यों घोषणा कि फिल्म के सफलता पूर्वक एक शो को देखने के बाद आप दे देते और फिर ये बात मीडिया पे बताते ! अब तो अगर शहीद के परिवार ने इसे लेने से मना कर दिया तो फिर आप क्या करोगे क्योंकी ये परिवार सम्मान के भूखे है पैसो के नही ! और मात्र अपनी फिल्म हिट करवाने के मकसद से इस तरह का प्रपंच रचना क्या ये शोभा देता है किसीभी कलाकार को ! विमल पान मसाले के प्रचार से अख़बार और टीवी न्यूज़ की सुर्खियाँ बनने वाले अजय देवगन अगर इतने ही देश और देश की जनता को लेकर चिंतित होते तो घटिया प्रचार विमल पान मसाला न करते पर उन्होंने तो इसका रिकॉर्ड तोड़ दिया ! २ साल तक अखबारों,टीवी,बस स्टॉप, हर जगह कैंसर और नशा को बढ़ावा देने वाले समग्री का प्रचार किया फिर किस हक और मुंह से ये देश के जवान के परिवार के लिए चिंतित है ये समझ से परे है ! बेहुदे फिल्म जैसे रास्कल में अश्लीलता को बढ़ावा देने वाले पवित्र शिवाय नाम का उपयोग करके देश की जनता को अपने फिल्म देखने के लिए इस तरह से भ्रमित करना ये कदापि उचित नही है ! और फिल्म देखने के लिए व्यक्तिगत आग्रह उचित है और लोग पवित्र नाम शिवाय सुनकर जायेंगे भी क्योंकि उनके मन में इस फिल्म के लिए कोई धार्मिक छवि बन गयी होगी ! और कई ऐसे लोग है जिन्हें फिल्म देखना पसंद है और त्यौहार का मौसम भी है फिर अपनी फिल्म को ऐसे प्रचारित करना ये एक असभ्य गुण को ही मात्र प्रदर्शित करता है ! यदि देश के जवान की वाकई चिंता थी तो फिल्म के पहले शो के रिलीज़ होने के बाद उस कमाई को देने की घोषणा करते तो ये लेख अभी फिल्म का न केवल प्रचार कर रही होती बल्कि कलाकार ये बड़े दिल की तारीफ भी शब्दों के रूप में ब्यान करती पर व्यक्ति के विचार उसके कर्मो के रूप में दिख ही जाते है और वही हुआ भी ! कमाई की अंधी दौड़ में आज ऐसे तरीके अपनाये जा रहे है जो अनुचित है और आने वाले समय में कमाई के लिए और क्या क्या तरीके अपनाएं जायेंगे ये सोचनीय है !


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